राजस्थान : कैबिनट विस्तार की अटकलों के बीच बोले सीएम गहलोत – दो माह तक किसी से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलूंगा
जयपुर, 14 जून। राजस्थान सरकार की कैबिनेट में विस्तार की चर्चाएं सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान से थमती प्रतीत हुईं, जिसमें उन्होंने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अगले दो माह तक किसी से भी व्यक्तिगत रूप से मुलाकात नहीं करने की बात कही है।
कोरोना के मद्दनजर एक से दो माह का शेड्यूल भी जारी
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमित होने के बाद के नतीजे को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों की सलाह पर यह फैसला किया है। इस क्रम में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा की ओर से गहलोत का अगले एक से दो माह तक का शेड्यूल भी जारी किया गया।
गहलोत का यह शेड्यूल ऐसे मौके पर आया है, जब प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात करने के बाद जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की बात कह चुके हैं तो दूसरी तरफ गहलोत के धुर विरोधी सचिन पायलट के समर्थक विधायक भी मंत्रिमंडल विस्तार की लगातार मांग कर रहे हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार के समय रहती है मुख्यमंत्री की मौजूदगी
फिलहाल राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी किए गए इस शेड्यूल के बाद अब उन सभी अटकलों पर विराम लग जाना चाहिए, जिसमें लगातार ये दावे किए जा रहे हैं कि जून के आखिरी सप्ताह या जुलाई के पहले सप्ताह में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
ज्ञातव्य है कि मंत्रिमंडल विस्तार के समय मुख्यमंत्री की मौजूदगी होती है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी भी मंत्रिमंडल विस्तार के समय मुख्यमंत्री की मौजूदगी नहीं रही हो और वह वर्चुअल माध्यम से किसी मंत्रिमंडल विस्तार कार्यक्रम में जुड़े हों। ऐसे में यह माना जा रहा है कि जब मुख्यमंत्री किसी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात नही करेंगे तो मंत्रिमंडल विस्तार भी संभव नहीं है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस या वीडियो कॉल से सम्पर्क की सलाह
मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कोविड संक्रमित होने के बाद के लक्षण को देखते हुए डॉक्टर्स की सलाह पर एहतियातन और व्यक्तिगत रूप से मुलाकात नहीं हो पा रही है। सभी बैठकें और बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंस और वीडियो कॉल द्वारा की जा रही है।
गहलोत के अनुसार डॉक्टरों ने कहा है कि अभी एक-दो महीने और वीसी के माध्यम से ही बैठक करें। विभागों की बैठकें और रिव्यू मीटिंग्स भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जा रही हैं। विगत 15-16 माह में वीडियो कॉन्फ्रेंस से करीब 355 बैठकें आहूत की जा चुकी हैं, जिनमें कई बार गांव तक के प्रतिनिधि, वार्ड पंच और सरपंच भी जुड़ते हैं।